मधु दिल्ली पहुँचती है और एक हॉस्टल में रहने लगती है, लेकिन उसे चेतावनी दी जाती है कि उसके कमरे में कुछ गड़बड़ है और उसे जल्द से जल्द वहाँ से निकल जाना चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
वार्डन एक ओझा को बुलाती है, जिसे लोग 'डॉक्टर' के नाम से जानते हैं, ताकि वो कमरे की जाँच कर सके। वहीं, मधु अपने भीतर की आवाज़ सुनते हुए अपने हमलावर की तलाश में निकल पड़ती है।
जबकि डॉक्टर उसकी तलाश में है, तभी भूत के वश में आई हुई मधु हॉस्टल पहुँचती है, जहाँ उसका सामना महिलाओं से होता है। वो अपने भीतर बसी दोनों ताकतों से लड़ती है, साथ ही अपने अतीत के गहरे ज़ख्मों से भी जूझती है।