दामिनी को अपने निदेशक मंडल से और एक ऐसी लत से लड़ाई लड़नी है जो जाने का नाम नहीं ले रही। सब कुछ एक महत्वपूर्ण अदालती मामले की अंतिम सुनवाई पर निर्भर है जो अंजना के हाथों में है। अंजना को आर्या के जीवन में आए एक नए इंसान से निपटना होगा। सिद्धी की माँ उसकी शादी करवाने पर तुली है। कार्यस्थल पर उमंग का एक ग्राहक से टकराव होता है जिससे वह अपमानित महसूस करती है। यह तबाही वाला हफ़्ता है!
नारीवाद पर डाँट खाने और अनियमित मासिक चक्र से निपटने के साथ-साथ दामिनी को लगता है कि वह जे से खुलकर बात कर सकती है। आखिरकार अंजना वरुण की नई प्रेमिका से मिलती है और उसके प्रति नफ़रत प्रदर्शित करती है। सिद्धी अपनी माँ द्वारा तय की गयी एक ब्लाइंड डेट पर जाती है जो एक चरम पर जाकर समाप्त होती है। जिम का एक ग्राहक उमंग को छूता है लेकिन उमंग उसे ऐसा सबक सिखाती है जिसे वह कभी नहीं भूल पाएगा।
अपनी एक नई निजी प्रशिक्षण ग्राहक के सामने उमंग की बोलती बंद हो जाती है। मिस वीवी अंजना को बेहतर महसूस कराने के लिए हाज़िर होती है। दामिनी को ट्रॉल किया जाता है और काम पर उसे एक नई सहकर्मी से निपटना पड़ता है। जे उसके लिए एक नई 'पालतू' परियोजना लाता है। सिद्धी को पतला करने के लिए स्नेहा एक कठोर कदम उठाती है। सिद्धी नया दोस्त बनाती है पर उन दोनों के खुलेपन और मुक्ति संबंधी विचार आपस में नहीं मिलते।
अंजना अम्मा, काव्या, बच्ची के जन्मदिन की पार्टी और एक अकडू बॉस के बीच फँसी हुई है। वरुण आगे बढ़ रहा है पर क्या वह बढ़ सकती है? सिद्धी के दिमाग में कैम-गर्ल चल रही है पर उसे यकीन नहीं है कि वह अगला कदम उठा सकती है। समारा और उमंग अपनी कसरत को अगले स्तर पर ले जाते हैं। आकांक्षा काम संभालती है और दामिनी नियंत्रण खो देती है। क्या कुत्ता और जे उसे बचा सकते हैं?
सिद्धी और स्नेहा का तनावपूर्ण रिश्ता तब निर्णायक स्थिति में पहुँच जाता है जब गोदभराई के एक कार्यक्रम में स्नेहा बुरी ख़बर सुनकर हैरान हो जाती है। मिस वीवी अपने पहले 'मेल-मिलाप' के लिए उत्साहित हैं और अंजना उसे काबू करने के लिए बेताब है। उमंग और समारा अपने रिश्ते का अगला बड़ा कदम उठाती हैं। दमिनी भावुक होकर रो पड़ती है लेकिन डॉक्टर सही दवा के साथ वहाँ मौजूद है।
एक रात पहले जो हुआ था, लड़कियों को उससे निपटना होगा। सिद्धी एमएएलवी सिंड्रोम से पीड़ित है। अंजना को ठीक से पता ही नहीं कि अर्जुन के साथ क्या करना है। उमंग यह नहीं जानती कि उसका रिश्ता कहाँ खड़ा है और दामिनी को एक ऐसी बुरी खबर मिलती है जिससे वह निपट नहीं सकती। और इस सब के ऊपर - उन तीनों पुरुषों से भी निपटना है।
यह दिवाली का त्यौहार है। एक नया साल और नई शुरुआत। दामिनी और जे दुनिया को दिखा रहे हैं कि वे साथ में अच्छे हैं और ट्रॉल कहानी की तरफ़ लोग खिंच रहे हैं। वरुण पहली बार अर्जुन से मिलता है, मिहिर के पास सिद्धी के लिए एक सर्प्राइज़ है और उमंग को मेहमानों की उम्मीद नहीं थी। आतिशबाज़ी ऐसी इकलौती चीज नहीं है जिसका आज रात विस्फ़ोट होगा।
जब आपकी दुनिया नियंत्रण से बाहर हो जाती है, तो करने के लिए केवल एक चीज बचती है - जितना ज़ोर से पकड़ सकते हैं पकड़े रहना। और दामिनी, अंजना, सिद्धी तथा उमंग को यही करने की ज़रूरत है। लिये जाने वाले निर्णयों से रिश्तों और दोस्ती की परीक्षा ली जाएगी, आग बुझानी होगी और झगड़ों से निपटना होगा। सब कुछ ठीक नहीं है। शायद इस सबका अंत भी ठीक नहीं होगा।
जब उनमें से एक पर मुसीबत आती है तो चारों लड़कियों का पुनर्मिलन होता है और वे इस्तानबुल के ख़ूबसूरत शहर में अपने गिले-शिकवे दूर करती हैं। वे क़यामत तक दोस्ती बरकरार रखने का वादा करती हैं और पिछले महीनों में अपनी ज़िंदगी में घटी सब बातें साझा करती हैं। क्या वे फिर से ट्रक बार वापस जाएँगी या मस्ती के लिए नया अड्डा ढूँढ़ेंगी?
दामिनी कुछ लिख न पाने की नाकामी और जेह के साथ अपने रिश्ते की जद्दोजहद में फँसी है। जबसे अर्जुन उनके रिश्ते को लेकर संजीदा हुआ है तब से अंजना पीछे हटने लगी है और एक नारी विरोधी सीनियर से भी निपट रही है। उमंग अचानक समारा को सबके सामने घबराते देख उससे बड़ी शिद्दत से मिलना चाहता है। सिद्धि ख़ुद को साबित करने की कोशिश में एक कॉमेडियन से नोंक-झोंक कर बैठती है। क्या अंजना और उमंग किसी हल पर पहुँचेंगे?
अपने नाम के मुताबिक, यह एपिसोड पुराने ज़ख्मों को साफ़ करने और भरने के बारे में है। उमंग पूरी कोशिश कर रहा है कि समारा का भावनात्मक साथ देकर उसे दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करे। अंजना का सीनियर खुलेआम बदतमीज़ी पर उतर आया जिससे वह कंपनी छोड़ देती है। आख़िर विजु विवाद के बारे में सिद्धि से पूछता है और स्नेहा उसका बचाव करती है। दामिनी दिमाग पर पड़े कुछ पुराने जाले साफ़ करती है और लिखने का नया जोश पाती है।
दृढ़ता और जुझारूपन से भरा एपिसोड। आख़िर दामिनी अपनी किताब पूरी करके कई प्रकाशकों को बेचने की कोशिश करती है। सिद्धि अमित के साथ अपना पहला स्टैंड-अप करती है। अंजना को अपनी जैसी समझ रखने वाला एक और वकील मिलता है और उनमें ख़ूब पटती है। आख़िर उमंग समारा को ख़ुद को संभालने पर मना लेता है जिससे समारा अपनी एक दबी हुई भावना को कबूल करती है।
प्यार से बचने की कोशिश में लड़कियाँ रिश्तों के एक पेचीदा चक्र में पड़ जाती हैं। वरुण अंजना के साथ रहकर सुकून ढूँढ़ रहा है, जिसकी वजह वह नहीं जानती। सिद्धि अमित की दुनिया में खो गई है। परेशान दामिनी अनजाने में जेह से अपने सवालों का जवाब पूछ बैठती है जो उसके एक शानदार सुझाव देता है। क्या समारा आख़िर सबसे सामने आकर अपने प्यार का इज़हार करेगी या वह अभी भी इस पर पर्दा डाले रहेगी?
असमंजस और फ़ैसलों से भरा एक एपिसोड। सोशल मीडिया पर हैशटैग उमारा ट्रेंड कर रहा है लेकिन क्या उमंग की शोहरत से समारा असुरक्षित महसूस कर रही है? जेह और दामिनी के बीच लगाव बढ़ा है और वे अक्सर मिलने लगे हैं। लेकिन उसे अचानक सदमा पहुँचने वाला है। सिद्धि को एक चलन दिखाई देने लगा है। अंजना को शशांक की कंपनी में शामिल होने की पेशकश होती है। क्या वह इस जोख़िम भरी राह पर होने के बावजूद उस पेशकश को कबूल करेगी?
ड्रामा कभी ख़त्म नहीं होता बल्कि और पेचीदा होता जाता है। अंजना शशांक के प्रति अपने आकर्षण को दबा नहीं पा रही और अपने रिश्ते के रोमांच में खोई हुई है। अब उमंग और समारा साथी बन गए हैं। सिद्धि अपने शो पर अपने पिता को बुलाती है। क्या इससे उनके बीच के मतभेद सुलझ पाएँगे? क्या दामिनी इस बार अपनी ज़िंदगी संभाल पाएगी या उसे वक्त के बहाव के साथ बहना होगा? एपिसोड के आख़िर में एक प्यारा सा सरप्राइज़ मिलेगा।
जब सब अच्छा होने लगे तो हमें सावधान हो जाना चाहिए। समारा ने योजना और तैयारी का काम अपने हाथ में ले लिया है, जिससे उमंग परेशान है। शशांक और अंजना एक ज़ोरदार टीम के रूपे में काम पर कड़ा मुकाबला देते हैं। क्या यह आपसी तालमेल पेशेवर से निजी रूप ले लेगा? अमित प्यार का वादा चाहता है पर सिद्धि अभी किसी की प्रेमिका नहीं बनना चाहती? किसी सोच की वजह से दामिनी जेह के पास जाती है। क्या वह उसे सच बताएगी?
शादी का मंडप सज गया है! लेकिन दिल की उलझनें भी मौजूद हैं। दामिनी के घबराने की वजह से वारसी ख़ुद शादी में चला आता है। उमंग इस बात पर अपना आपा खोने वाला है कि किस तरह शादी एक मीडिया सर्कस बन गई है। सिद्धि से अचानक उदयपुर में कोई मिलने आता है। अंजना कोई कुछ सच का सामना करना होगा। इसमें खेल, नाचना, फ़ोटो शूट, रिश्ते टूटना और बहुत सारा अफ़रातफ़री का माहौल है।
सीज़न का आख़िरी एपिसोड भावनात्मक उतार-चढ़ाव से भरा है। लड़कियाँ ख़ुद को टूटे दिलों और बिखरे वजूदों के मलबे के बीच पाती हैं. अंजना को सुष्मिता के कहर का सामना करना पड़ता है। सिद्धि घर से अलग रहने का फ़ैसला करती ही लेकिन आख़िर में उसे तगड़ा झटका लगता है। दामिनी के माँ बनने में एक मुश्किल खड़ी होती है। समारा और उमंग शादी के मंडप में पहुँचते हैं, लेकिन क्या यह शादी सच में हो पाएगी?
सिद्धि वीजू को सबसे प्यारे तरीके से श्रद्धांजलि देती है। छह महीने बीत चुके हैं और उसके पास कहने को कुछ नहीं रहा है। दामिनी सीरीयस जर्नलिस्ट बनने और जे के साथ उसकी घरेलू ज़िंदगी को अच्छे से चलाने की कोशिश कर रही है। अंजना, आर्या के खुशहाल परिवार के सपने में खुद को फँसा हुआ पाती है और उमंग अपने परिवार को फिर से खुश करना चाहती है। क्या अचानक लुधियाना जाने से उमंग अपने पापा के दिल में जगह बना पाएगी?
उमंग अपना फिटनेस स्टूडियो बनाना चाहती है। अंजना आर्या के टीन एज के नखरे झेल नहीं पा रही है। वही दामिनी शरारती और वाइल्ड बनती जा रही है, पर जे के साथ नहीं। स्नेहा की रक्षक बनने के चक्कर में सिद्धि को गुस्सा झेलना पड़ता है। एक होली पार्टी जिसमें हर तरफ सीक्रेट्स बाहर आते हैं, नशे की हालत में कनफेशन किए जाते हैं और एक बिज़नसमैन उभर कर आता है। क्या भांग का नशा उतरने के बाद अगले दिन ये तूफ़ान शांत होगा?
जीत के बाद हमेशा हार नहीं होती। लड़कियों ने उनकी में ज़िंदगी आने वाली चुनौतियों से निपटना सीख लिया है। अंजना, वरुण से शांति से डील कर रही है, जो अब उसके घर पे रह रहा है। सिद्धि शहर में नई बॉस की तरह उभर कर आई है। दामिनी को चैलेंज किया जा रहा है, चिढ़ाया जा रहा है। उमंग को अपनी दोस्त के साथ ईमानदार रहने के लिए थोड़ी मदद लेनी पड़ेगी। क्या ये लोग अपने सपनों के फिटनेस स्टूडियो के लिए कोई जगह ढूँढ पाएँगे?
उमामी फिटनेस स्टूडियो का उद्घाटन धूमधाम से होता है और अब उमंग के पास शहर में अपनी एक जगह है। अंजना, वरुण और काव्या के बीच अनमने ढंग से रेफ़री बनी हुई है। घर में जगह देने के बावजूद भी, दामिनी जेह को उसकी निजी ज़िंदगी में जगह नहीं दे रही है। सिद्धि खुद को स्टेज पर एक पुराने प्रेमी के साथ पाती है, जो अब उसका विरोधी है। क्या वो माइक पर जाके अपनी परेशानी बयान करेगी या अपना दुख मन में दबाए रखेगी?
समारा के फैंस उमंग की ज़िंदगी को नर्क बना देते हैं, पर उसे अपने स्टूडियो के स्टाफ में एक दोस्त मिल जाता है। सिद्धि के पहले शो को तालियों के बदले दर्शकों की हँसी मिलती है। आर्या अपने पेरेंट्स को एक घर में पाकर खुश होती है, वो इस खुशी को ज़ाहिर भी करती है। दामिनी कैम्पैन मैनेजर का रोल दिलचस्पी के साथ निभाती है। क्या जे दामिनी की प्राथमिकता समझ पाएगा? क्या सिद्धि स्नेहा को दोस्त बनाने देगी?
उमंग और मेहर के बीच पैशन भरा हुआ है पर क्या उमंग दोबारा सेवियर बन रही है? अंजना को याद दिलाया जाता है कि वो उस परिवार के साथ खुशहाल परिवार के सपने नहीं बुन सकती जो उसका अपना नहीं है। दामिनी जे पर अपनी पकड़ ढीली कर देती है लेकिन उसे समझ नहीं आता क्या करे और वो उसे और ज़्यादा मजबूती से अपनी ओर खींचती है। क्या उसे एहसास होगा कि उसके रिश्ते के धागे टूट रहे हैं? क्या उमंग अपना दिल तोड़ेगी या किसी और का
आंधी के साथ, बिजली चमक रही है। जे दामिनी के साथ शिफ्ट होता है पर शायद दामिनी अब ऐसा नहीं चाहती। वरुण काव्या के पास दोबारा जाना चाहता है पर शायद अंजना नहीं चाहती कि वो उसके घर या ज़िंदगी से दूर जाए। सिद्धि बड़ी नहीं होना चाहती लेकिन शायद एक दिन उसे होना पड़ेगा। उमंग को लगता है कि वो वापस उसी मोड़ पे आ गई है और उसे नया रास्ता लेने की ज़रूरत है। क्या ये शानदार बर्थडे पार्टी उन्हें तूफ़ान से बचा पाएगी?
आज आसमान का रंग अलग है और मूड भी। सेलिब्रेशन का टाइम है। क्राउन के साथ खज़ाने की खोज, झील किनारे पिकनिक, कुछ तीखे शब्द, और सीक्रेट्स बाहर आते हैं। इस सबके बीच सिद्धि का 25वाँ बर्थडे मनाया जाता है। हालाँकि बर्थडे केक होता है लेकिन वो सबके दिलों में मिठास नहीं घोल पाता। क्या घायल दिल एक-दूसरे के घाव भर पाएँगे या टकराकर और ज़ख्मी हो जाएँगे?
छुट्टियाँ खत्म होने वाली हैं पर सुकून अब तक नहीं मिला है। सिद्धी स्नेहा से माफ़ी माँगती है और मिहिर की बाँहों में सिमट जाती है। उमंग को अपनी मचलती इच्छाओं पर काबू पाना होगा। अंजना अपने खुशहाल परिवार की तरफ खींची चली जाती है जो उसका हो सकता है। दामिनी और धनंजय अच्छी टीम बनाते हैं। क्या शशांक अपने मन में दबी नाराज़गी से मुक्ति पा सकेगा? क्या जे दामिनी को समझने के लिए अपना दिल तोड़ देगा?
टूटे हुए टुकड़ों को अलविदा कहना पड़ता है। जे दामिनी की ज़िंदगी और घर दोनों से चला जाता है। सिद्धि और स्नेहा अपना दुख बाँटती हैं। उमंग टूट जाती है और ब्रेक अप कर लेती है। अंजना महसूस करती है कि वरुण के बगैर भी उसका परिवार खुशहाल हो सकता है। उमंग के क्लोज़र, सिद्धि का एयरपोर्ट पे भागना, दामिनी का ककून और अंजना का चीज़ों को छोड़ना। क्या उनकी सेफ स्पेस टूट जाएगी? क्या नया साल उनके लिए उम्मीद लेके आएगा?