अंजलि अपने सपनों और अपने दादा-दादी की जरूरतों को पूरा करने के बीच फटी हुई है। जहां श्रद्धा अपने परिवार को गौरवान्वित करती हैं, वहीं प्रधान गणतंत्र दिवस मनाते हैं।