एक तपस्वी हर सुबह एक गाँव की तंग गलियों से गुजरता है, जबकि उसका परिवार अभी भी सोया हुआ है। अपनी अर्ध-दैहिक स्थिति में वह गाँव के इतिहास के बारे में मिथकों, लोककथाओं और तथ्यों को मिलाकर सपने देखता है।
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